पटना. बिहार में शराबबंदी के फैसले को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं और ये सवाल विरोधी उठाते हैं तो समझ में आती है. लेकिन जब ये सवाल सरकार के सहयोगी ही उठाने लगे तो मामला गंभीर हो जाता है. कुछ दिन पहले जीतन राम मांझी ने शराबबंदी को लेकर सवाल उठाया था. वहीं उपेन्द्र कुशवाहा ने ये बयान देकर हलचल तेज कर दी थी कि बिहार में शराबबंदी सफल नहीं है. और ये तब तक नहीं होगी जब तक बिहार के लोग इसमें मिलजुल कर प्रयास नहीं करेंगे. अभी ये मामला शांत भी नहीं हुआ था कि कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने भी शराबबंदी को लेकर बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने नीतीश कुमार के शराबबंदी के फैसले पर सवाल खड़ा किया है.
अजित शर्मा ने न्यूज 18 से बातचीत करते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी कैसे सफल हो सकती है, जब अधिकारी ही शराब माफियाओं से मिले हुए हैं. बिहार में अवैध शराब की जो बिक्री हो रही है, उसकी बड़ी वजह प्रशासन के लोगों की वैसे तत्वों से मिली भगत है. बिना अधिकारियों की मिलीभगत से बिहार में शराब की बिक्री हो ही नहीं सकती है.
अजित शर्मा यही नहीं रुके, उन्होंने कहा कि अगर बिहार में अवैध शराब की बिक्री रोकनी है तो मुख्यमंत्री को उस जिले के अधिकारी पर कार्रवाई करनी होगी, जहां शराब पकड़ा जा रहा है. तभी ये अवैध धंधा रोका जा सकता है. अगर नीतीश कुमार शराबबंदी को सफल बनाना चाहते हैं तो, अगर ऐसा नहीं होता है और राजस्व का लगातार घाटा हो रहा है तो बिहार में शराबबंदी पर समीक्ष होनी चाहिए. ताकि सराकर को राजस्व का नुकसान ना हो.
कांग्रेस विधायक दल के नेता के इस बयान पर जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि कौन क्या कहता है ये वहीं जाने, लेकिन नीतीश कुमार ने शराबबंदी के फैसले को बिहार की जनता के हित में लागू किया है. वे राजस्व की चिंता नहीं करते हैं. बिहार में आगे भी शराबबंदी जारी रहेगी.
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Tags: Bihar Congress, Bihar politics, CM Nitish Kumar, Liquor Ban
FIRST PUBLISHED : November 13, 2022, 21:49 IST